लेखनी कहानी -10-Jan-2023
Hey ......!! How are you... ?
Hii..... I am fine.... How are you dear..?
I am also fine...। Where are you going...?
I am just going to shopping mall here and you..?
I am also going there...।
Wow.... What a coincidence...।
Hello aunty... How are you...?
I am also fine dear... It is good that you have found it, now Ashu will get his company and I will mine.. Why Mrs. Sharma...?
Yes yes sure.... Let's go...।
शांपिग मॉल से कुछ दूरी पर हुई इस बातचीत के बाद मिसेज़ शर्मा और मिसेज़ कुमार अपनी बेटियों आशा और प्रिया के साथ शांपिंग करने चल दी...।
आपस में अंग्रेजी वार्तालाप करते करते सभी शांपिग में व्यस्त हो गई..। आशा और प्रिया दोनों एक ही कक्षा की क्षात्राएं थीं....। कुछ देर बाद ही उनकी मुलाकात उनकी ही कक्षा की एक अन्य सहपाठी रेनू से हुई...।
रेनू :- वाह .... क्या अजीब इतेफ़ाक हैं.. तुम दोनों भी यहाँ...! तुम दोनों भी शांपिग करने आई हो...! चलो अच्छा हैं... एक से भले दो... दो से भले तीन...।
रेनू ने हाथ जोड़कर गर्दन झुकाते हुवे आशा और प्रिया की मम्मी को नमस्ते का अभिवादन दिया..।
फिर उन दोनों से अपनी मम्मी और दादी का भी परिचय करवाया..।
रेनू की मम्मी और दादी ने भी हाथ जोड़कर नमस्ते कहा.. ।
What kind of people are you...! If you yourself behave like such a fool, then what will you teach the girl.... !
Mrs. Sharma :- hey, if you study english in school, then at least teach her how to talk english..।
Namste.... Who speak like this....
मिसेज़ शर्मा और मिसेज़ कुमार .....रेनू के इस तरह हिंदी मे बात करने पर उनका मजाक बनाने लगी...। दोनों खिलखिलाकर उनके ऊपर हंसती रहीं...।
Mrs. Kumar :- leave it too dear.. What we both are explaining to him.... Seems to be going over his head.... Let's do our shopping...
चारों खिलखिलाकर हंसते हुवे वहाँ से चलने लगी तभी रेनू की मम्मी ने कहा :- एक्सक्यूज मी मैम.... जस्ट ए मिनट....।
वो चारों इतना सुनकर रुक गई...। ओर उनकी तरफ़ पलटी...। तभी रेनू की दादी ने कहा :- you might be surprised to know that we we all know the english language very well....
क्यूँ झटका लगा ना मेरे मुंह से इंग्लिश सुनकर...। हाँ हमारी बच्ची अंग्रेजी भाषा के विघालय में पढ़ती हैं...। क्योंकि वो आजकल की जरूरत हैं...। लेकिन इसका मतलब ये नहीं की हम हमारे संस्कार और हमारी भारतीय सभ्यता को भूल जाएं...। हमारी सभ्यता ये ही कहतीं हैं की जब भी किसी से मिलों हाथ जोड़कर नमस्ते कहो और हमेशा अपनी मातृभाषा का इस्तेमाल करो...।
लेकिन आप सब ये लोग कभी नहीं समझेगी क्योंकि आपको हिंदी भाषा बोलने में शर्म जो महसूस होती हैं...। लेकिन हमें फक्र महसूस होता हैं.... क्योंकि हमे गर्व हैं अपने भारतीय होने पर अपनी भाषा पर...। चलो बेटा.... अब हमें कुछ ओर नहीं बोलना इनसे...।
रेनू और उसके परिवार वाले उन चारों को सर झुका कर नमस्कार करके वहाँ से चलीं गई...। वो चारों वहां खड़े कुछ देर एक दूसरे का मुंह देखतीं रह गई.... क्योंकि उनके पास जवाब देने ओर बोलने लायक कुछ भी नहीं था...।
आज स्याही से लिख दो तुम अपनी पहचान....
हिंदू हो तुम हिंदी से सीखो करना प्यार... ।।
प्रिशा
04-Feb-2023 08:01 PM
Very nice
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Mahendra Bhatt
13-Jan-2023 10:16 AM
शानदार
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Gunjan Kamal
10-Jan-2023 11:22 PM
शानदार
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